कवियों ने एक दूसरे को दी विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएं

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बाँदा (उ०प्र०)। जूनियर कवियों ने सीनियर कवियों को पुष्प भेंट कर मनाया विश्व कविता दिवस। हर वर्ष 21 मार्च को होने वाले विश्व कविता दिवस को इस वर्ष भी कवियों कवयित्रियों ने एक दूसरे को पुष्प भेंट करके और कविता पाठ करके मनाया। बांदा के युवा कवि/शायर अनुराग विश्वकर्मा, आदित्य कौशल, युवा कवित्री दीपा पटेल राशि दोसर आदि ने सोमवार को विश्व कविता दिवस के अवसर पर शहर की वरिष्ठ डाक्टर व वरिष्ठ कवित्री डाक्टर शबाना रफीक को पुष्प भेंट कर उन्हें विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएं दी। 

साथ ही डाक्टर शबाना रफीक ने युवा कवियों/कवयित्रियों को कविता की विशेषता बताई बताई साथ ही उन्हें समाज मे अच्छा मैसेज देने वाली  कविता लिखते रहने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर कवित्री दीपा पटेल ने बेटियों की विशेषता पर कविता पढ़ी, आदित्य कौशल ने देश भक्ति पर कविता पढ़ी अनुराग विश्वकर्मा ने मानवता पर कविता पढ़ी,राशि दोसर ने इंसान को महान बनने की प्रेरणा देने वाली कविता पढ़ी।

दीपा पटेल

खिलती कलियों की पहचान हैं बेटियां सूने आंगन की मुस्कान हैं बेटियां बेटा बेटी में क्यों फर्क करते हो  तुम बेटे हैं जिस्म तो जान है बेटियां।

आदित्य कौशल

हम रंग केसरी, श्वेत हमी है रंग हरा भी हम ही है हम अम्बर केैं चांद सितारे और धरा भी हम ही है हम कश्मीर हमी काशी है हम गुलमर्ग समेटे है तो सियाचीन में बर्फ कि चादर ओढ़े हम ही लेटे है।

इंसानियत शऊर है, ये उसको आया है जिसने किसी की चोट पे मरहम लगाया है देखो ख़याल दादी का उसको है किस क़दर हामिद खिलौने छोड़ के चिमटा ले आया है।

राशि दोसर

जो जीवन ज्योति जला दे वो आनंद बनो इन फूलों का तुम सुरभित मकरंद बनो कर्म के पथ पर क़दम बढ़ाओ अपने तुम सुनो युवाओं उठो विवेकानंद बनो।

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